गवेषणा विचार बैंक

मानव सभ्यता का अधिकतर समय में शारीरिक बल और सैनिक बल के माध्यम से मानव समाज को नियंत्रित किया गया उसके बाद एक समय ऐसा भी रहा जो वर्तमान में भी उतार पर है जब मानव समाज को पैसे, संपत्ति या आर्थिक संसाधनों के माध्यम से समाज को नियंत्रण मे रखा जा रहा है। मानव सभ्यता अब निश्चित ही उस युग में प्रवेश कर रही है जब वैचारिक बल के माध्यम से सभ्यता नियंत्रित व परिचालित होगी। गवेषणा ने विचारों की शक्ति को अनुभव किया है हमारा मुख्य मार्ग वैचारिक रुप से लोगों को प्रभावित करने का ही है। विचार में यह सामर्थ्य शक्ति होती है कि उसके द्वारा मनुष्य अपने समस्त वर्तमान एवं भविष्यगामी परियोजनाओं या विश्वदृष्टियों का समावेश कर सकता है, जिसका नवीन और प्रगतिशील संस्कृति व सभ्यता के निर्माण एवं विकास में अमूल्य योगदान हो सकता है। विचार बैंक इस प्रकार मूल्यवान विचारों में समाहित अंतर्दृष्टियों को संरक्षित करने की एक वैश्विक परियोजना है जिसे भविष्य में संस्कृति व सभ्यता किसी भी रूप में लाभान्वित हो सकता है। विचार में किसी भी सभ्यता व संस्कृति को नये व विकसित स्वरुप में रुपांतरित करने की अनंत सामर्थ्य शक्ति निहित होती है। इन्हीं उद्देश्यों का ध्यान में रखते हुये गवेषणा विचार बैंक अपने वैश्विक परियोजना में क्रियाशील है तथा अपने शोध प्रवधियों एवं भविष्यगामी परियोजनाओं में विचार बैंक द्वारा संग्रहित अंर्तदृष्टियों को समाहित करने का निरंतर प्रयास कर रही है। भविष्य में वैचारिक नवोनमेष एवं नव प्रवर्तन को ध्यान में रखते हुये गवेषणा ने गवेषणा विचार बैंक की स्थापना की है। अनेक बार ये होता है कि हमारे मन में कोई विचार आता है जो वास्तव में भविष्य में समाज के लिये उपयोगी हो सकता है परंतु हम दैनंदिन कामों में व्यस्त होते है और वह विचार विस्मृत हो जाता है जो कि एक अपूर्णीय क्षति है । गवेषणा विचार बैंक में कोई भी व्यक्ति यदि अपने किसी विचार को ऐसा मानता है कि उसका भविष्य में मानवता के हित में कोई भी उपयोग संभव है तो वह अपने उस विचार को गवेषणा विचार बैंक के पारदर्शी बंद डिब्बे में डाल सकता है। यह प्रक्रिया निर्धारित की गई है कि गवेषणा ऑडीटोरियल बोर्ड एवं गवेषणा विचार बैंक के निदेशक डॉ. दिनेश जी माह में एक बार गवाहों के समक्ष गवेषणा विचार बैंक को खोलेगें एवं विचार बैंक में समर्पित सभी विचारो का अभिलेखीकरण करेगें। इस प्रकार प्राप्त विचार सम्पदा पर तत्काल या भविष्य में क्या कार्यवाही किया जाना है यह निर्णय भी डॉ. दिनेश द्वारा किया जाएगा। गवेषणा विचार बैंक की स्थापना 23 मार्च 2023 को विश्व नास्तिकता दिवस के अवसर पर की गई थी। अपनी स्थापना के बाद से गवेषणा विचार बैंक को अनेकों विचारों की सपंदा प्राप्त हुई है जिन्हें अभिलेखीकृत करके भविष्य मे सार्वजनिक उपयोग के लिये सुरक्षित किया गया है