गवेषणा अनुसंधान संस्थान
गवेषणा अनुसंधान संस्थान (GRI) की स्थापना विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और समसामयिक मुद्दों में अत्याधुनिक अनुसंधान की सुविधा के लिए की गई थी। इसे गवेषणा (NGO) के उद्देश्यों को मूर्त रूप देने एवं शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रविधियों के अनुप्रयोग विकास के उद्देश्य से बनाया गया है।
विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता का अनुभव और एनजीओ का सहायक वातावरण हमें विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकीय, भाषा एवं पर्यावरणीय प्रयोगशालाएं बनाने में सक्षम बनाता है | GRI की स्थापना के साथ, संचार के लिए दो शोध पत्रिकाओं (विज्ञान और सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी) का गठन किया गया है। जीआरआई के उद्देश्य केवल विज्ञान और मानविकी तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें स्थायी पर्यावरण, सतत विकास, विधि संनिर्माण, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी आदि कई अन्य समसामयिक मुद्दे भी शामिल है। हम पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली Life style for environment (LiFE) की अवधारणा को प्रोत्साहित करते हैं, जिसे भारत सरकार ने शुरू किया था।
GRI का उद्देश्य विज्ञान तक सीमित नहीं है और हमारे शोध संस्थान का मूल उद्देश्य केवल शोध लेखों का प्रकाशन नहीं है बल्कि शोध का व्यावहारिक अनुप्रयोग है जिससे सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने और उद्यमिता के अवसरों को विकसित करने के लिए सीधे लागू किया जा सके। GRI समाजशास्त्र, कानून, दर्शन, पर्यावरण, प्रबंधन और बायोसाइंसेज इंटर्नशिप भी प्रदान करता है।
प्रमुख लक्ष्य
- प्रौद्योगिकी नवाचार और व्यावसायीकरण।
- हरित प्रौद्योगिकी को अपनाना एवं बढ़ावा देना।
- भूमि-से-प्रयोगशाला-से-भूमि पद्धति।
- वेस्ट टू वेल्थ।
- पर्यावरण के लिए नवीन प्रंबधन और जीर्णोधार उपायी अनुप्रयोग।
- बेरोजगारी को कौशल प्रशिक्षण और प्रेरणा प्रदान करना।
- विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करना।