पर्यावरण संरक्षण परियोजना

पर्यावरण संरक्षण एवं चराचर संवेदी मानव सभ्यता का निर्माण गवेषणा की आत्मा है। गवेषणा के कुल 24 उद्दश्यों मे से 9 उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण संवेदी सभ्यता के विकास के लिये समर्पित हैं। अपने स्थापना के प्रारंभ में ही गवेषणा इन उद्दश्यों की पूर्ति हेतु गंभीर रही है। वृक्षारोपण व धरती के हरित कवर को बढ़ाने हेतु हमनें गवेषणा के पंजीयन के साथ ही ‘कल्पवृक्ष नर्सरी’ की स्थापना की थी। कल्पवृक्ष नर्सरी ने सागर जिले के रहली, खुरई, देवरी, सागर आदि तहसीलों में तथा सागर के बाहर जबलपुर, रायसेन, भोपाल आदि अनेक जिलों की नवीन आवासीय कॉलोनियों में लगभग 13100 हजार पौधों का रोपण किया है तथा संवर्धन सुनिश्चित किया है। गवेषणा ने ‘ऑक्सीजन बैंक’ नामक नवीन परिकल्पना विकसित की है जिसमें छोटे-छोटे भू-खंडो में जापानी ‘मियाबाकी’ पद्धति से सघन वन क्षेत्रों का विकास किया है। गवेषणा ने इस प्रकार 16 सघन वन क्षेत्र विकसित किये हैं। कल्पवृक्ष नर्सरी के पास वर्तमान में 31400 पौधे उपलब्ध है जिसमें अनेक दुर्लभ एवं समाप्तप्राय प्रजातियों के पौधे संरक्षित किये जा रहे हैं। गवेषणा ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम के योजनागत संपादन हेतु ‘वृक्षमित्र प्रकोष्ठ’ का गठन किया है। वृक्षमित्र प्रकोष्ठ वर्तमान में प्लांट पैथोलॉजी एवं माइकोलॉजी में डॉक्टर चंदन सिंह के नेतृत्व मे कार्य कर रहा है।